इंदौर
स्वच्छता का पंच लगाने की तैयारी कर रहे इंदौर को नगर निगम के कर्मचारियों की करतूत से शर्मसार होना पड़ा है. दरअसल, नगर निगम कर्मचारी शहर के वृद्ध भिखारियों को डंपर में मवेशियों की तरह भरकर लाए और इंदौर-देवास सीमा पर छोड़कर जाने लगे. इस दौरान वहां मौजूद लोग चौंक गए. उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. इसके बाद नगर निगम कर्मचारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ. शिप्रा नदी के किनारे जिन बुजुर्गों को छोड़ा गया उनमें से कुछ तो चलने की भी हालत में नहीं थे. गाड़ी में बुजुर्ग एक-दूसरे के ऊपर लदे हुए थे. वहां पर मौजूद लोगों ने जब ये हृदयविदारक नजारा देखा तो उनसे रहा नहीं गया. उन्होंने निगम कर्मचारियों को घेर लिया.

ग्रामीणों का विरोध देख निगम कर्मचारियों ने लोगों की मदद से फिर से बुजुर्गों को उसी गाड़ी में बैठाना शुरू किया और वापस इंदौर ले आए. लेकिन इसका वीडियो वायरल होते ही लोगों ने इस कृत्य की निंदा करना शुरू कर दी. मामले ने तूल पकड़ा तो सीएम शिवराज सिंह ने नगर निगम के उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित कर दिया और इंदौर से बाहर पदस्थ करने के निर्देश भी दिए. वहीं इससे पहले ननि कमिश्नर प्रतिभा पाल ने भी दो कर्मिचारियों रेन बसेरा के मस्टरकर्मी ब्रजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी को बर्खास्त कर दिया.

इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि हर साल ठंड में फुटपाथ पर रह रहे भिखारियों को रेन बसेरों में शिफ्ट किया जाता है. लेकिन भिखारी कंबल और दूसरी चीजों के लिए फिर फुटपाथ पर पहुंच जाते हैं. क्योंकि बहुत सारी स्वयंसेवी संस्थाएं कंबल बांटने और खाना बांटने के साथ दूसरी चीजें देते हैं इसीलिए ये वापस आ जाते हैं. जब इन भिखारियों को शिफ्ट किया जा रहा था कुछ लोगों ने बोला कि वे देवास के हैं इसीलिए इन्हें देवास की तरफ ले जाया जा रहा था. लेकिन ये कर्मचारियों की गलती है कि क्षिप्रा के पुल के किनारे छोड़ दिया गया. हालांकि ये बेहद गंभीर मामला है दोषियों पर कार्रवाई भी कर दी गई हैं. बुजुर्गों को वापस लाकर रेन बसेरे में रख दिया गया है जहां सभी बुजुर्ग स्वस्थ हैं.

नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा बेघर लोगों को शहर के बाहर जंगल में छोड़े जाने के वायरल वीडियो पर कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि मामले पर नगर निगम, जिला प्रशासन और सरकार से जवाब मांगा है कि स्पष्ट करना चाहिए कि ये सब किसके आदेश से हो रहा है. एक तरफ बुजु्र्गों को तीर्थ यात्रा कराई जा रही वहीं नगर निगम बुजुर्गों को ट्रक में भरकर फेंका जा रहा है. इसकी शिकायत मानव अधिकार आयोग को भी गई है. इस मामले में कर्मचारियों के साथ अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. वहीं बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने भी घटना को दुखद बताते हुए कहा कि जिम्मेदारों पर हो सख्त कार्रवाई करने के लिए वो सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगे जिससे इस तरह की मानवता को शर्मसार कर देने वालीं घटना दोबारा न हो, ये बेहद शर्मनाक कृत्य है.

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